पूरब व भारत पर बढ़ता पाश्चात्य आधिपत्य.....(Article)

जब हम अपने पाठ्यक्रम की और नजर डालते हैं,तो पाते हैं अर्थशास्त्र,समाजशास्त्र, से लेकर वैश्विक व भारतीय इतिहास में पाश्चात्य समाजशास्त्री,अर्थशास्त्री व इतिहासकारों का प्रभुत्व रहा है,यही कारण है कि हमारी मानसिकताओं पर पश्चात्य पूर्ण रूप से प्रभावित व हावी हो चुका है।
    जिसको अब प्रथक कर पाना काफी मुश्किल ही नहीं,अपितु नामुमकिन की परिकल्पना की जा सकती है...
    हम इतिहास पढ़ते हैं,हां पढ़ते है,लेकिन लिखने वाला कौन,जिन्होंने सोने कि चिड़िया कहे जाने वाले भारत की स्वर्णिम अर्थव्यवस्था को तहस नहस कर दिया...
     हम समाजशास्त्र पढ़ते हैं,जिसकी सारी सामाजिक परिकल्पनाएं उन्हीं इतिहासकारों,समाजशास्त्रियों द्वारा गढ़ी गई हैं,जिनकी प्राथमिकता ही हम भारतीयों को सामाजिक रूप से बिखेरकर राज करने की थी....
   हमारा अर्थशास्त्र उन्हीं भोग-उपभोग, वेतन को मान्य करार करता है,जो उनकी खुद की अर्थव्यवस्था वृद्धि में सटीक बैठता है,जो उनके विपरीत प्रभाव करने लगता है,वह उस विषय से ही बाहर कर दिया जाता है!!!
       जब हम इन विषयो के जनक को जानना चाहते हैं तो पाते हैं...
गणित के जनक - आर्किमिडीज(Archimedes) हैं,जिनका जन्म वही 200-300 ईशा पूर्व मध्य हुआ है....
अर्थशास्त्र के जनक - एडम स्मिथ जिनका जन्म 18वीं शताब्दी में हुआ,उससे हज़ारों वर्ष पहले से ही भारत एक स्वर्णिम विरासत बनी हुई है,जो दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति हुआ करती थी...
    16वी सदी में जन्मे Galileo Galilei भौतिकी के जनक मान लिए गए वहीं सम्पूर्ण भगवदगीता भौतिकी का ही एक पर्याय (Pre Version) है।
     14वी सदी में जन्मे Geoffrey Chaucer "Father of English" है जिसमे 16वी सदी के William shakespeare का भी अनूठा योगदान मना जाता है, ठीक है!!!......किन्तु shakespeare के जन्म से हज़ारों वर्ष पूर्व जन्मे "कालिदास" "भारत के शेक्सपियर" माने जाते है,ये कालिदास जी का सम्मान है या अपमान,आप खुद ब खुद विचार कर सकते हैं....
      हमेशा की तरह,त्रिकोणमिति के जनक Hipparchus of Nicaea और ज्यामिति के जनक यूक्लिड(Euclid), हैं!!!
यहां यूनानी उपलब्धियों को नजरअंदाज करने की बात नहीं की जा रही बल्कि सिर्फ भारतीय उपलब्धियों पर ही पर्दा डालने व अनवरत उन पर ही कटाक्ष करते रहने कि स्थिति को उकेरने का प्रयास किया जा रहा है!
      आर्यभट्ट,ब्रह्मगुप्त,भास्कर द्वितीय वा वराहमिहिर का गणित में अनूठा योगदान है,श्रीनिवास रामानुजन के योगदान को भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व भी नहीं विस्मृत कर सकता,किन्तु हम खुद ही स्वयं के इतिहास प्रहास,अतीत भविष्य को भुला कर पश्चात्य का पीछा किए जा रहे,अनवरत किए जा रहे हैं,बिना किसी विचार के,बिना किसी परिणाम के विषय में जानने के इच्छुक,एकदम से अनभिज्ञ,अनजान!!!!!
                         ~Pphotonicc_Uudaiisss💥



{Content by UdaiRaj Singh💥)

FIND ME ON👇👇👇

📸InstaPage@authors_University
🕳️LinkedIn @UdayRSingh

🐦Twitter@VibgyorSingh
💢Blogger @UdayRajSingh

Comments

  1. अप्रतिम रूप से यथार्थ वर्णन👍

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका सहृदय आभार🙏🏽🙏🏽❤️

      Delete
  2. Bhai yhi kani hai ham me Ham apna nhi maante hai fusro ne jo bol dia vo shi hai.
    Human Evolution ki theory lakhon saal pehle Hamare dharm,hamari Sanskriti ne dia vo thi Vishnu ke Dashavtaar
    But hamne Usse nhi maana.
    Kal paida hue Darvin ki theory ham maan rhe hai.
    Kalidas ne Meghdutam ki rachna karke sabse pehle Satelite se msj ki theory di.
    Agar unhe seriously lia gya hota to sabse pehle Satelite & mobile phone & internet ki khoj hamne ki hoti.
    Sabse badi problem hamare education system me hai jise Angrejo ne saalo pehle ham par Thop dia.😶😶

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार भाई❤️❤️❤️
      Keep supportive😊🙏🏽

      Delete
  3. Bhai yhi kani hai ham me Ham apna nhi maante hai fusro ne jo bol dia vo shi hai.
    Human Evolution ki theory lakhon saal pehle Hamare dharm,hamari Sanskriti ne dia vo thi Vishnu ke Dashavtaar
    But hamne Usse nhi maana.
    Kal paida hue Darvin ki theory ham maan rhe hai.
    Kalidas ne Meghdutam ki rachna karke sabse pehle Satelite se msj ki theory di.
    Agar unhe seriously lia gya hota to sabse pehle Satelite & mobile phone & internet ki khoj hamne ki hoti.
    Sabse badi problem hamare education system me hai jise Angrejo ne saalo pehle ham par Thop dia.😶😶

    ReplyDelete
  4. Bahut aacha likhte hai aap sir

    ReplyDelete
    Replies
    1. Thanks a lot for this one dear...keep supportive❤️❤️🙏🏽😊

      Delete
  5. Shandaar prastuti aur aalok vivechan
    ,ho skta hai isko padhne ke baad hamare baad koi aur 2sra bhi bhartiyta aur bhartiya uplabdhiyaon pr dhyan aakarshit kare.....👌👌👌♥️(Mridul pandey)

    ReplyDelete
    Replies
    1. Bahut bahut Dhanyavaad Mridul Bhaiya😊🙏🏽🙏🏽🙏🏽❤️
      Aapke is Sahaj,Saral par ek anoothe tippadi ke lie❤️❤️❤️

      Delete
  6. Well done bhai...
    Keep going🤩 (Anjali)🤕🥰

    ReplyDelete
  7. Awesome.....
    Keep writing and sharing

    ReplyDelete
  8. अदभुत , अविश्वसनीय ...... अद्वितीय ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार आभा जी🙏🏽🌠

      Delete

Post a Comment

Popular posts from this blog

सुनो.....(Poetry)

भारतीय संस्कृति और जाति प्रथा...

mei bfames