भारतीय संस्कृति और महापुरुष व आज का भारत.........(Poetry)

यह भारत है अटल कलाम का,क्या चिनपिंग और क्या इमरान(सुन लो चाइना के हुक्मरान)....
यह धरती है,अभिमन्यु कर्ण की,तुम हो कुछ दिन के मेहमान....

गर भला बंधूता चाहते हो तो आ जाओ, हैं खुले हांथ...
जगह ना पाओगे भू जल में,यदि धारण कर लिए ब्रह्मास्त्र...

इर्श द्वेष तजकर आओगे,रहोगे सदा तुम स्मरणिय...
गर दूषित सोच रखोगे भारत प्रति,होगा फिर यह अति विचारणीय...

जब तक इस दुनिया में उदय,उदय मै प्राण शेष,
आर्यावर्त पर आंच ना आने दूं,सुन लो अब तुम समस्त देश...

गर भूल रहे हो तो बतला दूं,ये है हरिश्चंद्र की वसुन्धरा....
तिरछी आंख करी जिसने,अंत में वो है सदा मरा...
ये प्रथ्विराज,राणा प्रताप के तेज से लिप्त ये धरती है...
भगतसिंह चंद्रशेखर के रक्त से सजी यह मिट्टी है....

पुरुषार्थ भरा है कण क़ण में,इतिहास भरा है क्षण क्षण में..
यह तो देवों की धरती है,देवत्व भरा है जड़ जड़ में.....✍️
और अनुसुइया आहिल्या की तो बात अलग ही कर डालो,
त्याग उर्मिला का देखो,नारीत्व भरा रामायण में...✍️
                               
यह देवपुरुष हैं स्वर्ण भूमि के,रहेंगे सदा निज स्मृति में...
यह कविता तो बस सूक्ष्म मात्र,उनके गुण के अलंकृति में....✍️
       ~उदय'अपराजित💥

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