गणतंत्र दिवस की शपथ.......(Poetry)

चलो क्यों ना इस गणतंत्र एक शपथ ली जाए...
कोई भूंखा ना रहे,ऐसी शपथ की जाए
बच्चे,बूढ़े,युवा गूढ़े,नर नारी,पशु विचरित जन,हर अचरित चर,
निकल पड़े हर रस्ते पर,हर समय-घड़ी पर...

नहीं कर सकते त्याग अगर तुम...
नहीं हो सकते विरक्त अगर तुम...
भूल जाओ अमर बलिदान,रणबांकुरो का..
नहीं लाज है आज़ाद,सुभाष की अगर तो..
हम युवा है भारत देश के,भारत हमारी शान है...
भारत बसता हममें है..भारत हमारी जान है....

भारत ही हम हैं,हम ही भारत है...
यह अपितु एक भू-भाग नहीं,विश्व में हासिल महारत है...

जो हर वक्त करता जन जन का कल्यान है...
हां ये वही हिंदुस्तान है,हां हम ही हिंदुस्तान हैं....✍️
                          ~उदय'अपराजित💥


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