नव वर्ष मुबारकबाद....(Poetry)

नया साल मुबारक हो....

नया साल!!?hmm नया साल...

लेकिन कैसे,ना रूप बदला ना स्वरूप...
ना छांव बदली ना धूप....

ना तो मौसम में वो रवानी, भरी है पूरी ठिठुरन...
कैसे बदला यह साल,ना तो मौसम में है कोई संगम....

रातों में मदिरा चलती हो,ना ही कोई अपनापन...
सून्य लाक्ष जब सून्य लाक्ष है,ना है कोई संवर्धन....
ना वृक्षों के पत्ते बदले,ना तो खिला है बिखरा चमन,
कैलेंडर,तारीखों के बल पर मुझको तुम बतलाते हो....

नव वर्ष मुबारक हो तुमको,ऐसी बधाई दे जाते हो.....

अंतत्व मुबारक हो नव वर्ष गर प्रेरित करता है तुमको..
उदित उदय सूरज की भांति उद्दीपित करता है तुमको...✍️

                              ~उदय'अपराजित💥


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