कैसे कह दूं मैं.....(Poetry)
ग़लत ना होगा,गर कह दूं कि वो मौका ढूंढते हैं,मुझसे दूर जाने का,मुझसे खफा होने का,अलहदा होने का......
लेकिन मैं कैसे कह दूं कि वो मौका नहीं ढूंढते है,बात करने का जब मै नाराज़ होता हूं...
पास आने का,जब मैं दूर होता हूं...मुझे छोने का,जब मैं हांथ झिटककर चल देता हूं उनका,किसी और में मशगूल होने को.....✍️
कैसे कह दूं मैं....
ग़लत ना होगा गर कि कह दूं मैं मेरे बुलाने पर मना ही कर देते हैं वो हमेशा की तरह,हर बखत....
लेकिन कैसे कह दूं मैं कि वो दौड़े चले नहीं आते हर जगह,हर दफा,मेरे भी मना कर देने पर उस बखत.....
कैसे कह दूं मैं....✍️
~उदय'अपराजित💥
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