वो....!!?.....(Poetry)

वैसे उससे बातें करने में मुझे जरा भी मेहनत नहीं करनी पड़ती....
वो पूछती रहती है
मैं बताता रहता हूं...

लेकिन फिर भी उसके "क्या" से ज्यादा कुछ नहीं बताता कभी....
उसके "क्यों" से ही चुप हो जाता हूं,हमेशा ही लम्बे बखत के लिए....
वो पूछती ही नहीं इसलिए अब....
बस सिरफ रुके रहने को बोलती है...
और बोलती रहती है....

ज्यादा कुछ नहीं चाहिए उसे,
बस उसकी दश बातों पर सिर्फ एक बार हूं-हां...
खुश है वो इसमें...
कुछ चाहिए भी तो सिर्फ एक बार सुबह शाम में सोने जाने के लिए कहना

शायद उसका प्यार आध्यात्मिक है,और हमारा!!!,हमारा सहानूभूतिक....
वो हमारे हंसते चेहरे में भी छुपे आंसुओ के दंश खोज लाती है बाहर...
और पहचान जाती है हमारे उदास चेहरे में भी उसने आपने आ जाने की चलचलाहट....
शायद वो खुद ही आध्यात्म है,खुद में ही आध्यात्म है...
वो खनिज है,वनिज है,उसमें वनिज है...
खंडित नहीं हो सकती वो...
संगम है वो!!!!!,किन्हीं नदियों का नहीं,किन्हीं भू खंडों का नहीं...
भूतल आकाश का संगम है,क्षितिज है वो...✍️
                           ~उदय-अपराजित💥


Comments

  1. I really wish it was longer, you're an awesome writer. There's nothing wrong if I will say that I'm inspired by you. Amazing.°°🌟✨

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  2. You're so ambitious personality Uday with unique personality.
    💕💕Keep on.

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  3. I can clearly see the future poet and writer in you. I think that may be I should take your autograph now, who knows ! In future I have to line up for that.^ So, will you give me the autograph?🤗

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  4. No propaganda,No noise...
    The best presentation i have ever seen!!!
    Carry on👏

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  5. After reading this,I could not get up for half an hour. I remained sitting where I was.😌👏👌

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  6. Full of emotions and love. Great work, fabulous 🤗😊

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