तुम्हें पता है......(Poetry)
तुम्हें पता है जब तुम नहीं होते हो तो किसे याद करता हूं....
याद करता हूं तुम्हारी अठखेलियां जो किया करती हो तुम हर बखत...
याद करता हूं तुम्हारी वो जुल्फें जो माथे पर आ जाया करती है अक्सर.....
होठों के बीच भी कभी-कभी, जब तुम कुछ कह रही होती मुस्कुराते हुए हमसे....
और फिर तुम्हारे हाथों से उनका पीछे कर देना खींचकर....
और फिर से वहीं आ जाना उनका...
कैसे पता होगा तुम्हें कि तुम्हारे मुस्कुराने पर तुम्हारे ही गालों का उभर सा जाना अक्सर कितना याद आता है....
नहीं मालूम है तुम्हें जब तुम आंखों से आंखें मिलाते हो और रुक जाती हो बिना पलक झपकाए हुए...., अक्सर पलक झपक जाया करती है हर रात, रात भर के लिए यही सोच कर....
और सुबह हो जाया करती है उसी दुविधा के साथ सोचते हुए कि यह खयाल था या कोई ख्वाब.. जिसके बारे में सोचा करता हूं अक्सर....
~उदय'अपराजित💥
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Might you achieve top of the success Uday💕
ReplyDeleteGod bless you
I know, You're ultra maxx pro legend...😁💕
ReplyDeleteNice Uday
ReplyDeleteNice Uday
ReplyDeleteLove your poetries always💕💕
ReplyDeleteआपकी कल्पना है या हकीकत नहीं पता पर जो भी है बहुत खूबसूरत है। हर एक पंक्ति दिल को छू लेती है, अगर कल्पना है; तो हकीकत क्या कमाल की होगी!!
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