Teachers day पर टीचर्स के साथ कुछ विशेष पलों की दास्तान...
सबसे पहला धन्यवाद हमारे कक्षा शिशु के Baua आचार्य जी को...(जिनको वास्तव में सब बउआ अचारजी बुलाया करते थे) जिनके दिए हुए मुक्के आज भी हर एक विद्यार्थी के जहन में हैं....इतने मोटे मोटे हाथों से 3-4 साल के बच्चों को कौन ही मारता है भला😌
दूसरा धन्यवाद हमारी दूसरे विद्यालय की प्रधानाचार्या विनीता दीक्षित ma'am का...अब भी बातें करते हुए रो देती हैं हमारी हर एक सफलताओं को देखकर....
तीसरा धन्यवाद उसी विद्यालय की अंजलि जायसवाल ma'am को...जिनसे आज भी पारिवारिक रिश्ते जुड़े हुए हैं.आपको अगेन एक स्पेशल थैंक्स ma'am...
चौथा आभार उन्हीं के भाई सूरज जैसवाल सर को...जो न सिर्फ एक अध्यापक,बल्कि दोस्त भी थे...हर गोपनीय बातें हो जाया करती थी हमारे बीच....
और hnn बहस करना उन्होंने ही सिखाया...(हालांकि उनसे बहस करने की भी क्षमता खुद में होनी चाहिए थी, जो कि हमारे घर का वातावरण भी कुछ ऐसा ही था,पापा से राजनीतिक मुद्दों पर अक्सर ही शास्त्रार्थ हो जाया करते थे)
वो ऐसे अध्यापक थे,जिनसे शर्त भी लग जाया करती थी,परंतु जीतता हमेशा मैं ही था😅,और उनके हारे हुए शर्त की राशि "चलो due रहा" कहकर चुका दिया करते थे,और फिर कभी ना चुकाए अभी तक😂...
और उनका as a Science teacher(Biology-9) होने के बावजूद मुझे इतिहास से MA करने को Recommend करना...
और मेरा इस पर हल्का सा मुस्कुरा देना....☺️
याद है अब भी...
फिर आभार जोड़ते हुए हमारी st anthony की अध्यापिका नित्या सक्सेना ma'am का...जिनको देख हमेशा स्कूल में भी
मम्मी के होने की फील आती थी...उन्होंने हमेशा ही हमे आजादी दे रखी थी,"कि जब भी कुछ न समझ आए,कभी भी लैब या घर आके पूछ सकते हो"बहुत बहुत आभार फिर से नित्या ma'am इस स्पेसिफिसिटी के लिए...
फिर उसी स्कूल में फिजिक्स के टीचर प्रमोद यादव सर,जो कि धीरे धीरे क्लोज होते चले गए...और हम पढ़ाई के साथ साथ राजनैतिक
बातें भी करने लगे....काफी समर्थन मिलता था उनका....हमारे विचारों को उकेरने का...
एक हमारे जीवन के बहुत ही महत्वपूर्ण अध्यापक,अवनीश सर,जो कि मैथ्स के टीचर हुआ करते थे...arrreey पैरेंट्स के सामने क्या बड़ाई करते थे हमारी😅😂,कसम से खुद पे शक होने लगता था...
एक आभार तो रिचा ma'am का भी बनता है😆,निकाल दिया था कॉरिडोर में पूरे पीरियड भर के लिए😂,कारण क्या ही रहा होगा अब...इंग्लिश टेस्ट में हम Answer Sheet पर हम drawing जो बना रहे थे😂
निश्चय ही वो घटना पहली और आखिरी ही रही होगी....😄
बहुत ही महत्वपूर्ण अध्यापिका दीक्षित ma'am,जो वास्तव में आज के समय में काफी महात्विक विचार रखती थी....हमारी उनसे इतनी नजदीकियां,कि जिसदिन हिंदी में ना सुनाऊं,पूरी क्लास ही बैठजाया करती थी मार खाने को😂
Admit card लेते समय लाइब्रेरियन ma'am ka मुझसे बुक ना वापस होने को कहना..मेरा मना करदेने पर उनका मुझसे प्रूफ मांग देना...
और मेरा झट से जवाब दे देना.. कि "मैं कह रहा हूं यही प्रूफ"😄😂
वाकई याद आता है...
और फिर अंत में धन्यवाद करना चाहते हैं हमारे हर चौखट पर साथ देने वालों दोस्तों को,जिनका योगदान हमारे हर एक कदमों में जुड़ता हुआ चला जा रहा है,और साथ साथ शत्रुओं को भी,जो हमें हमारे सीमाओं में रहने में काफी सहायक होते हैं...
वास्तविक रूप में अंतिम आभार स्वयं को समर्पित करते हुए गुरुओं के साथ बिताए कुछ क्षणों को विराम देते हुए आप सब के आशीर्वाद की कामना करते हैं....
परिवार हमारा गुरु नहीं है...हम ही परिवार हैं...और हमने अपना आभार पहले ही व्यक्त कर दिया है...😁
Finally: यूनिवर्सिटी पहुंच कर पहली मुलाकात सोशल वर्क प्रोफेसर से होते ही...वहां की कई सारी गुत्थियां भी सुलझ गई...
पहले दिन ही मेरा देर से पहुंचना,और फिर पूछना उनका की इंटर कहां से किए हो...मेरा कहना "St anthony", झट से उनका बात काट देना और कहना...गेट से एंटर किए हो...झूठ बोलते हो...!!!
क्लास के हंसने से पहले ही मुझे उनको E और I का ज्ञान देने लगना😂बावजूद ये जानते हुए... कि वो मजाक है...और हमारी लेने वाली बेइज्जती कर रहे थे सर...🤣
पर अचानक ही उनका मुझे बारीकी से सुनने लगना...आगे की दास्तान फिर कभी😂
Anyways ab jab bhi milte hain....enter hi poochhte hai... kahan se kie aur ham bina soche samjhe bol dete hai ki "gate se sir".....
Aur ab main unke saamne jane vale har bacche ko aagah karne lag gaya hoon ki unke jawaab aise dena😂
~UdayRajSingh'Aparajit💥
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