मुझे तुम पसंद हो...
मुझे तुम पसंद हो...
सिर्फ उतना जितना कि तारों को रात...
सोते हुए भी सिर्फ तुम्हारे ही खयालात...
उतना जितना,तुम्हारे रूठ जाने पर तुम्हारे गालों की सिकुड़न...
तुम्हारे भीगे केश,काजलयुक्त नयन...
हंसक-सम हो तुम,श्वेतता मुझमें भी है...
मृगनयनी हो तुम,कसक मुझमें भी है...
नयनों को देख अधरों पर, अक्सर ही प्यार आता है...
पर क्यों जब भी देखता हूं तो,बारम्बार आता है...
सिर्फ एक ही विचार आता है...सिर्फ एक ही विचार आता है...
क्यों तुम मुझे पसंद हो इतनी,क्यों तुमपे ही प्यार आता है...✍️
~उदय'अपराजित💥
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