सबब कुछ और होता है,बताते और कुछ तुम हो...

सबब कुछ और होता है,बताते और कुछ तुम हो...
जाओ तुम,जहां भी जाना हो,बोलते झूठ क्यों तुम हो..

नहीं रहना,बता देते,सबब हम अब ना पूछेंगे...

नहीं चाहत,मुहब्बत है,यही हम मान अब लेंगे...

चले जाओ कि बस फिर तुम,पलटकर अब न आना तुम...
यहीं हूं मैं,यहीं पर मैं,अब कुछ ना जताना तुम..

आखिरी मुलाकात है ये अब,मुस्कुराते ही जाना तुम...
कोई फिर और ना पूछे,हुआ क्या,जरा बताना तुम...?

खुश रहना,जहां भी हो,अब हम ना आएंगे...
याद करोगे फिर भी,बस ab याद आएंगे...

नहीं मैं कह नहीं ये रहा,याद मैं अभी ही आऊंगा...
लगेगी चोट जब दिलपर, मैं तभी तो आऊंगा...

सबब कुछ और होता है,बताते और कुछ तुम हो...
जाओ तुम,जहां भी जाना हो,बोलते झूठ क्यों तुम हो..✍️
                                                               ~उदय'अपराजित💥

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