यूं चलते चलते हमारी आंखें भी टकरा गई उससे...(R Poetry)

यूं चलते चलते हमारी आंखें भी टकरा गई उससे...
कि देखा,एकतरफा टकरा रही थी वो मुझसे..

मैं भी देखता गया...
वो भी देखती गई...
कि देखते देखते देखना,घूरने में बदल गया
वो भी घूरती रही मुझे।.
मैं समाता रहा उसकी आंखो में..
वो समाती रही मुझमें..
कि गिर पड़े थे एक साथ उस बखत...
कि उस बखत हम भी गिर पड़े थे..
वो गिरी हमारे प्यार में...
हम नीचे पत्थर से टकराकर गिर पड़े थे...✍️
                                                      ~उदय'अपराजित

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