टूटे हुए लोग अक्सर समय से पीछे रह जाते हैं...(script)

आज अचानक ही गांव के पास के गांव से एक दोस्त का मैसेज आता है,और मैं उसको आदरपूर्वक रिप्लाई करता हूं...फिर वो हमारे साथ साथ परिवार के बारे के भी हालचाल लेता है....
पूछते पूछते उसका प्रश्न होता है,और भाई पढ़ाई पूरी हो गई क्या?कोई जॉब नहीं लगी अभी तक!?
मैं कहता,नहीं भाई!अभी तो पढ़ाई ही चल रही....!!"अच्छा",उसकी तरफ से जवाब आता है....!!!





फिर क्या था साथ ही दूसरा क्वेश्चन...वैसे क्या कर रहे भाई!!!!"Eco Hons" हमारा जवाब होता है तुरंत,मालूम था अब ये इसके बारे में भी पूछेगा...पर उसका प्रश्न होता है....डॉक्टर वाली क्यों नहीं किए,वो अच्छी नहीं होती?
अब हम क्या ही कहते,हमने कहा!!!नहीं भाई,हम मैथ्स से थे....डॉक्टर बायो से होता है....




उसने कहा,नहीं मैथ्स हो या बायो,सबसे हो जाता है....
हमारा जवाब था "अच्छा".....
शायद अपनी अवस्थाओं से लड़ते हुए लोग ऐसे ही होते हैं....ना तो बुरा लग रहा था,और ना हंसी आ रही थी....और ना आज बात खत्म करने के जल्दी!!!!!



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