किसी से मिलने पे नाराजगी हुई...तो कोई न मिलने पे रूठा है.......(अधूरी Sssss)
किसी से मिलने पे नाराजगी हुई...
तो कोई न मिलने पे रूठा है...
सच को दफ्न कर दिया यूं हमने...
तो अब वो सच भी वो झूठा है...
बना के अफसाना उस राज का...
जो कभी राज तो रहा नहीं...
चिल्लाकर कहा झूठ उसने..
अब सच कहने को कुछ रहा नहीं...
रोक दिया उसने जग को,वो करने को...
जो उससे था न हो पाया...
बदनाम मुझे गलियों में कर..
बोलो तो तुमने क्या पाया..
तुमने छीना मेरा वेश..
देदिया मुझे बस द्वेष क्लेश...
पर वो श्याम बताती थी मुझको..
कैसे हम भूल बिसर जाएं..
और रहा इंतजार दिनों दिन था...
कि कब दिन फिर ये संवर जाएं...
उस बार किया राधे ने था...
इस बार हमें है इस कारण...
कि कर्ज हमारा उतर जाए...✍️
उदय अधूरी🥀
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