तुम्हें जब भी जीवन में मित्रता की जरूरत पड़े......(अधूरी sssss)
तुम्हें जब भी जीवन में मित्रता की जरूरत पड़े....
हमारा कंधा खाली रहेगा सदैव के लिए,तुम्हारा सर रख लेने को....
शायद मित्रता हमसे अच्छी नहीं निभा सकता कोई....मैने प्यार भी छोड़ दिया,कारण कि तुम्हारे रूठने का कारण वो था,सिर्फ वो था....
वो बात अलग है कि हम प्रेम में पड़े किसी और से,एक दिन के लिए ही सही,पर पड़े__कुछ घंटों के लिए ही सही,पर पड़े,पर......प्रेम नहीं वो प्यार था...आकर्षण था.....!!!
जो क्षणिक था,उसके वर्षों की प्रतीक्षा की सहानुभूति मात्र शायद...
समर्पण तुमसे है,पर आज मत समझना कि वो समर्पण तुम्हारे लिए है...
अब हम समर्पित हो चुके हैं इसके नाम...जिसका नाम तुमसे मिलता है...या कहो कि तुम्हारा ही है...
चेहरा भी शायद.......शायद!!!!!
क्योंकि चेहरा तुम्हारा अब नहीं याद हमें...
हमें याद हैं बस तुम्हारी बातें...जो सबसे बड़ी स्मृतियां हैं हमारी...
उदय अधूरी
Shssssss
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