झुर्रियां,रेशे और गालों का खोखलापन...

 की झुर्रियां फिर ठीक हो रही हैं...
जो आई रही थीं तुम्हारे जाने के बाद...

गाल फिर भरने लग रहे हैं...
जो खोखले से लगने लगे थे,तुम्हारी नामौजूदगी में...

ना मौजूदगी अब भी है...
पर वो झुरियां,आंखों पर काले काले रेशे...
खोखले गाल चले गए....

ये आंखों पर काले घेरे,जो दिखने लगे थे...
या कहें तो चेहरा ही काला पड़ने लग गया था...
फिर से निखर रहा है अब...

फिर से इंतजार में जा रहे हैं कई...
Hnn hnn,एकदम पहले को तरह...!!
कभी हम चले गए थे,इंतजार में औरों के...
वक्त की झुर्रियां भी चली गई हैं अब....

अब फिर हमें फर्क पड़ना बंद हो गया है....
अब फिर कोई बेपरवाह हो रहा है....
अब फिर से जल्दी सोने लगे हैं....
हफ्तों सीसा तक नहीं देखते अब...
कोई फिकर नहीं रहती....
तुम्हें पता है...
मालूम है,तुम्हे पता है...
पर फिर भी तुम्हें बता रहा हूं...
क्योंकि तुमने कहा था....
जब भी बीमार पड़ना,आवाज देना....
आज मैं बीमार नहीं हूं...
इसलिए बोल रहा हूं...
जब बीमार था,तो चिल्लाया था मैं तुम्हारा नाम लेकर...
पर आवाज तुम तक ना पहुंची...

अब भी न पहुंचेगी,मालूम है मुझको...
पर मैं फिर भी कहूंगा...
क्योंकि तुमने कहा था।..
मुझसे कहने को...
पता है ना...
अब चेहरे की झुर्रियां,आंखों पर काले रेशे,गालों का खोखलापन सब चला गया है....सिवाय तुम्हारी स्मृतियों के...!!✍️
~उदय अपराजित💜

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