मुझे गणित बहुत ज्यादा तो नहीं आती...(Poetry)
मुझे गणित बहुत ज्यादा तो नहीं आती थी...
पर अगर मुझसे मेरा पसंदीदा विषय पूछा जाए,तो शायद मेरा उत्तर गणित ही होता था...
मुझे गणित इसलिए भी पसंद थी, कि इसमें कोई somehow improper वाली अवस्था नहीं होती...
कोई अपवाद नहीं होता...
जो होता है,वही होता है...
सटीक होता है...
जो सूत्र एक जगह लगता है,वही दूसरी जगह लगा देने पे वही उत्तर आ जाता है जो किसी और सूत्र लगाने पे आता होगा...
बीजगणितीय,रेखागणितीय,अंकगणितीय चाहे कितने ही तरीके से आकलन कर दिया जाए...
प्रश्न की गुत्थियों को सुलझाते सुलझाते यद्यपि वो उलझ भी जाएं...
तो सूत्रों का सही प्रयोग हुआ है तो भी गंतव्य तक पहुंचा जा सकता है...
रास्ते लंबे हो सकते हैं,तरीके भिन्न हो सकते हैं...
गंतव्य एक ही होता है,बिना किसी अपवाद के...
शायद,इसलिए भी मुझे पसंद होते हैं गणितीय मार्ग...✍️
~उदय'अपराजित❤️
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