उसे चुभा जब मैंने कहा...

उसे चुभा जब मैंने कहा...
उसके पूछने पर...
कि मुझे सच में फर्क नहीं पड़ेगा...
अगर तुम आओगी संपर्क में किसी के..
और फिर हामी भी भर दी दुबारा..
जब उसने पूछा...
"सच में?"

वास्तव में अपनत्व न तो इसे इसमें है कि किसी और को अपनाया ना जा सके...
ना ही इसमें कि किसी और को अपनाने को लेकर किसी और को रोका जाए...
अगर वो "किसी और" ही है...तो रोका कैसे जा सकता है...
और अगर वो तुम्हारा है,तो रोकने का कोई प्रयोजन ही नहीं hoja चाहिए....✍🏿

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