Not any Dream,Only Target...
EconomicalEngineer'23
University of Lucknow👨🎓
Author:Economy,GeoPolitics,International Relⁿs,Religiology,Spirituality,Indianism,Governance & Love❣️
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1.मुझे तुमसे प्रेम नहीं है...hnn.. मुझे तुमसे प्रेम नहीं है!!! मुझे उससे प्रेम है,जो हमारे हृदय में रहता है।। और हां तुम हमारे हृदय में रहती हो...✍️❣️ ~उदय'अपराजित 2.सुनो, जब तुम चेहरा मासूमियत वाला बनाती हो,तो और भी ज्यादा शरारती लगती हो... जब तुम बालों में सफेद पट्टे वाला हैरबैंड लगाती हो... एकदम दिव्य भारती लगती हो...✍️🌝 ~उदय❣️ 3. अक्सर ही पूछती है,आखिर किसको सोचकर लिख लेते हो तुम ये इतनी गहरी कविताएं... मैं हमेशा ही उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा देता हूं हमेशा की तरह...✍️ ~उदय'अपराजित💥 वो अक्सर ही पूछती है,आखिर किसको सोचकर लिख लेते हो तुम ये इ...
बहुत याद किए उसको मैंने हफ्तों तक अब उसे मैं याद आना चाहता हूं... कि अब मैं फिर से दिल लगाना चाहता हूं... भूला नहीं हूं मैं उसके लफ्जों को, पर उसे मैं भुलाना चाहता हूं अब मैं फिर से दिल लगाना चाहता हूं... तड़पा हूं जिसके खातिर रातों तक.. कि अगर सुन रही हो महफिल बनकर मेरी तो मैं तुम्हें आज सुनाना चाहता हूं... जितनी भी याद है तुमसे थी,तुमसे थी उन्हें जहन में बसाए रखना चाहता हूं अब मैं दिल लगाना चाहता हूं... छोड़ा था आज बखत जिस तुमने... बखत उसको याद रखना चाहता हूं... अब मैं फिर से दिल लगाना... चुप्पी ने तुम्हारी दो टुकड़ों में तोड़ दिया था मुझको और फिर अचानक "कुछ नहीं" ने चकनाचूर कर दिया था... उन दो लफ्जों ने मुझको उस दिन से मगरुर कर दिया था... पर फिर भी मैं तुमसे यह बताना चाहता हूं...
सुनो,तुम चांद को देख लिया करना हर रोज... मैं भी उसे देख,महसूस कर लिया करूंगी कि कोई है साथ में अब भी मेरे... जब बारिश हो,तो भीग लिया करना... थोड़ा ही सही,पर थोड़ा... और इतना कि बीमार ना पड़ना कभी... वरना तुम्हें छूकर आने वाली हवाएं,मुझे बीमार कर देंगी... Hnn,ये सच है,मुझे तुम्हारी नहीं,मेरी फिक्र है... इसलिए मत नहाना तुम, उस बारिश में सिर्फ मेरे लिए... पर सांझ पहर तेज चलती हवाओं में एक बार निकल जाया करना... ताकि मैं भी दीदार कर सकूं, उस हवा में तुमको... सुनो,तुम दिन में मत निकलना... ये पीली सूरज की किरणें तुम्हें चुभना शुरू कर देंगी... नहीं नहीं!!!तुमसे ज्यादा तो नहीं पता हमे कुछ... आप तो यूं ही....गलत समझ रहे... हम बस मामूली सा अनुभव बयां कर रहे...जो होता है हर रोज मुझसे,मुझमें.... उस धूप में तुम्हारा इंतजार करते हुए... जिस धूप में हम एक दूसरे पे हांथ देकर छांव दिलाया करते थे कभी... चिंता मत करो तुम....मुझे धूप नहीं लगती... मैं आज भी वही दिन महसूस कर लिया करती हूं... परिकल्पनाओं में ही सही, भावनाओं में ही सही... पर तुम होते हो हर रोज हमारे पास... जब जब तेज हवाएं चलती हैं,तेज धूप होती ...
Yes, you will always 🥀
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