Not any Dream,Only Target...
EconomicalEngineer'23
University of Lucknow👨🎓
Author:Economy,GeoPolitics,International Relⁿs,Religiology,Spirituality,Indianism,Governance & Love❣️
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सुनो,तुम चांद को देख लिया करना हर रोज... मैं भी उसे देख,महसूस कर लिया करूंगी कि कोई है साथ में अब भी मेरे... जब बारिश हो,तो भीग लिया करना... थोड़ा ही सही,पर थोड़ा... और इतना कि बीमार ना पड़ना कभी... वरना तुम्हें छूकर आने वाली हवाएं,मुझे बीमार कर देंगी... Hnn,ये सच है,मुझे तुम्हारी नहीं,मेरी फिक्र है... इसलिए मत नहाना तुम, उस बारिश में सिर्फ मेरे लिए... पर सांझ पहर तेज चलती हवाओं में एक बार निकल जाया करना... ताकि मैं भी दीदार कर सकूं, उस हवा में तुमको... सुनो,तुम दिन में मत निकलना... ये पीली सूरज की किरणें तुम्हें चुभना शुरू कर देंगी... नहीं नहीं!!!तुमसे ज्यादा तो नहीं पता हमे कुछ... आप तो यूं ही....गलत समझ रहे... हम बस मामूली सा अनुभव बयां कर रहे...जो होता है हर रोज मुझसे,मुझमें.... उस धूप में तुम्हारा इंतजार करते हुए... जिस धूप में हम एक दूसरे पे हांथ देकर छांव दिलाया करते थे कभी... चिंता मत करो तुम....मुझे धूप नहीं लगती... मैं आज भी वही दिन महसूस कर लिया करती हूं... परिकल्पनाओं में ही सही, भावनाओं में ही सही... पर तुम होते हो हर रोज हमारे पास... जब जब तेज हवाएं चलती हैं,तेज धूप होती ...
पिछले कुछ दशकों-सदियों में भारत पर अनेकाएक आताताईयों ने आक्रमण किए हैं,खैर वो तो मैदानी आक्रमण थे,आज देखते हैं कुछ गुप्त-आक्रमण जो हमारे जन मानस पर गंभीर प्रभाव डालते हैं.... वर्ण व्यवस्था....आधुनिक परिवेश में बोले तो जाति प्रथा....क्या है ये,क्या है इसका भारतीय संस्कृति या भारतीयता से संबंध...? आईये देखते हैं.... निश्चय ही वर्ण व्यवस्था की उत्पत्ति भारत से हुई हो....किंतु इसका उद्देश्य समाज में उच्च निम्न का भेद व्याप्त करना था,यह कहना उतना ही गलत होगा जितना कि अमेरिका को एक यूरोपीय राष्ट्र समझना..... किसी भी नियम का अनुसरण करने पर उसके अनुसरण करने वाले की बुद्धि विवेक भी संलिप्त होनी चाहिए..... नियम या विधेयक कोई भी बुरा नहीं होता,पर जब ये नियम एक प्रथा का रूप धारण करलें,तब सामाजिक,मानसिक रूप से हानि देने लगते हैं.... उदाहरणार्थ,सती,जौहर जैसी घटनाएं शुरू हुईं तो उसके पीछे का सिर्फ विदेशी आक्रांताओं के शारीरिक,मानसिक शोषण से बचने का एक उपाय मात्र था.....किंतु यह आगे चलकर एक प्रथा बन गई,जब लोग बिना आक्रमण,शोषण के ही इसे जारी रखने लगे.... भारत के कुछ क्षेत्र में इसे क...
दुख महंगा है,सुख सस्ता है... मंजिल सबकी एक है,सबका एक ही रास्ता है... ये दिल की दुनिया जल गई है गालिब... यहां दुख उसको ज्यादा आते हैं,जो ज्यादा हंसता है...💜 बंद कमरे से लेकर,जमाने तक... होंठो के जाम से लेके,आंखो के मयखाने तक... वो मुहब्बत बड़ी अदब से निभाती है... वो खाना नहीं खाती,मेरे घर आने तक... मुझे अपनी मुहब्बत पर गुरूर आता है... एक ही सख्स पर बार बार,और भरपूर आता है... औरों को काजल बिंदी और लाली चाहिए... उसके खयाल में सबसे पहले सिंदूर आता है.... तेरा नाम लबों पर रखकर नहीं रोता मैं... जो हकीकत में चाहिए उसके लिए सपने नहीं पिरोता मैं... रात में ये सोच के सोता हूं, कि वो बिस्तर पर होता है... अकेले होकर बिस्तर के बीच में नहीं सोता मैं....💜 Bfames mei बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं लगेगा लगने लगा है मगर लगेगा नहीं नहीं लगेगा उसे देख कर मगर ख़ुश है मैं ख़ुश नहीं हूँ मगर देख कर लगेगा नहीं Umair Najmi तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है मोहब्बत - वोहब्बत बड़ा जानते हो तो फिर ये बताओ कि तुम उसकी आंखों के बारे में क्या जानते हो ये ज्योग्राफिया, फ़लसफ़ा, साइकोलाॅजी, साइंस, रियाज़ी वगैर...
Yes, you will always 🥀
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