Not any Dream,Only Target...
EconomicalEngineer'23
University of Lucknow👨🎓
Author:Economy,GeoPolitics,International Relⁿs,Religiology,Spirituality,Indianism,Governance & Love❣️
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1.मुझे तुमसे प्रेम नहीं है...hnn.. मुझे तुमसे प्रेम नहीं है!!! मुझे उससे प्रेम है,जो हमारे हृदय में रहता है।। और हां तुम हमारे हृदय में रहती हो...✍️❣️ ~उदय'अपराजित 2.सुनो, जब तुम चेहरा मासूमियत वाला बनाती हो,तो और भी ज्यादा शरारती लगती हो... जब तुम बालों में सफेद पट्टे वाला हैरबैंड लगाती हो... एकदम दिव्य भारती लगती हो...✍️🌝 ~उदय❣️ 3. अक्सर ही पूछती है,आखिर किसको सोचकर लिख लेते हो तुम ये इतनी गहरी कविताएं... मैं हमेशा ही उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा देता हूं हमेशा की तरह...✍️ ~उदय'अपराजित💥 वो अक्सर ही पूछती है,आखिर किसको सोचकर लिख लेते हो तुम ये इ...
तू मां दुर्गे की पुत्री है,या साक्षात शारदे तू तू इस जग की तारण हारी,प्रति क्षण में ही वार दे तू... युद्ध में जाते हर क्षत्रप की छुपी हुई तलवार है तू... सब कुछ पाने वाले खिलजी की अद्भुत हार है तू... रामायण का अंश ही नहीं,गीता का भी सार है तू... उन्नत होते दुष्ट दानवों का करती उद्धार है तू... पद्मावती का तू अवतार है,कर्ण का वंचित तू संसार है... उपनिषदों की विद्या है,है घर घर की लक्ष्मी तू... और सदी इक्कीस(21) की तू स्वराज है,है सन् इकहत्तर(71) की तू इंदिरा.. इन्हे मिटाने जो आया, अंत में वो है सदा गिरा... और नारी शक्ति अटल अमर है, गहराई इसकी अथाह.. मत ललकारो नारी शक्ति को मत रोको उसका प्रवाह... ये जो कहते हैं तुझे किंचित, ये जो रखते हैं तुझे वंचित... तू बन जवाब इस बाध्य रूप का तू बन जवाब इस असाध्य सोच का... महाभारत की द्रौपदि मत बन...,बन सत्तावन(57) की लक्ष्मीबाई... जिसके तलवार/कृपान/असि की खनखन आहट, सदियों तक भी रहे सुनाई... नारी से ही दुनिया है या हर दुनिया में नारी है.. और त्याग,तपस्या, सह-सम्मान बस,यह हम सब की ही जिम्मेदारी है... और सशक्त नारी है तू अब,तू बस गौरवान्वित नारी बन.....
बहुत याद किए उसको मैंने हफ्तों तक अब उसे मैं याद आना चाहता हूं... कि अब मैं फिर से दिल लगाना चाहता हूं... भूला नहीं हूं मैं उसके लफ्जों को, पर उसे मैं भुलाना चाहता हूं अब मैं फिर से दिल लगाना चाहता हूं... तड़पा हूं जिसके खातिर रातों तक.. कि अगर सुन रही हो महफिल बनकर मेरी तो मैं तुम्हें आज सुनाना चाहता हूं... जितनी भी याद है तुमसे थी,तुमसे थी उन्हें जहन में बसाए रखना चाहता हूं अब मैं दिल लगाना चाहता हूं... छोड़ा था आज बखत जिस तुमने... बखत उसको याद रखना चाहता हूं... अब मैं फिर से दिल लगाना... चुप्पी ने तुम्हारी दो टुकड़ों में तोड़ दिया था मुझको और फिर अचानक "कुछ नहीं" ने चकनाचूर कर दिया था... उन दो लफ्जों ने मुझको उस दिन से मगरुर कर दिया था... पर फिर भी मैं तुमसे यह बताना चाहता हूं...
Yes, you will always 🥀
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