उसने कभी देखा नहीं हमें...(अधूरी)

उसने कभी देखा नहीं हमें...
हमारी शर्ट ही देखी अभी तक...
उससे ऊपर नजरें ही ना उठा पाई...

प्रेम उसे हमारे शब्दों से हो गया...
हमारी कटुक आवाज को मानों वो तो बासुरी मान बैठी हो...
ऐसे मुस्कुरा जाया करती है...

सहम जाती है एकदम...
जब जब उसके पास से गुजर जाता हूं...
मुस्कुराते हुए...

वो आंखे ही बंद कर लेती है उस बखत...
जैसे कोई सैलाब फूटने वाला हो...

वो हवा,जो हमें छूकर लगती है उसे...
मानों,चिलचिलाती गर्मियों में भी कांप जाती हो vo..
कारण कि हमारे निकलने की रफ्तार भी कम नहीं होती...


उदय अधूरी


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