वो कौन है,जो मौन है...?/अंबेडकर
वो कौन है,जो मौन है...?
बुद्ध के बुद्धत्व सम...
अंबेडकर के अमृत्व सम...
मैं तेज हूं एकलव्य का...
शुरुआत हूं गंतव्य का...
चाह थी अवसान की
पर ये जाति जो अब मित्र है...
मैं हूं दलित प्यासा मगर...
कुंवा जो पावित्र है...
गलियां अलग हैं मेरी यहां...
है खाट भी मेरी अलग....
परछाईं भी पड़ जाए तो...
हो जाते हैं वो जन सजग...
केले के पत्ते हैं थाली मेरी..
है कोई न दिक्कत मगर..
पर पूछता हूं मैं यहां..
क्या हूबहू उनकी डगर...
है याद वो संघर्ष अभी...
जगजीवन बाबू का नाम भी...
याद हैं पेरियार भी...
हैं याद कांशीराम भी...
और दिया एक और लाल समाज ने...
संत रविदास नाम पड़ा जिनका...
थे शास्त्र सारे रटे उन्हें, वेद का ज्ञान भरा जिसमें...
था पौरुष अध्यात्म रूप,थे जगत रूप और प्राण स्वरूप...
ऐसे कितने बलिदान हुए...
पर कट्टरवादों की भेंट चढ़े,सब मौन रहे,सब मौन रहे...
क्या समय वही फिर आया है...
इतिहास ने क्या दोहराया है...
क्यों....
सब मौन हैं,सब प्रौन हैं...
वो कौन है,जो मौन है...
जो मौन है,वो कौन है...???
~उदय राज सिंह💕
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